सह्जन को अंज्रेजी मे Moringa (मोरिंगा) या Drumstick tree कहते हैं भी बोलते है . सहजन लम्बी फलियों वाली एक सब्जी का पेड़ है, जोकि भारत और दुनिया भर में उगाया जाता है. विज्ञान ने प्रमाणित किया है कि इस पेड़ का हर अंग स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है. ज्यादातर भारतीय सहजन की फली को सब्जी व अन्य भोजन बनाने में करते हैं.
Sahjan सहजन की पत्तियां एवं फूल घरेलू उपचार में हर्बल मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूलों एवं फलों को सब्जियों के रूप में उपयोग किया जाता है। सहजन का गुदा और बीज सूप, करी और सांभर में इस्तेमाल किया जाता है। सहजन का सूप इसकी पत्तियों, फूलों, गूदेदार बीजों से बनाया जाता है जोकि बहुत ही पोषण युक्त होता है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
इसकी पत्ती, फूल, फल, बीज, जड़ और लकड़ी हर किसी को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. मतलब ये कि मोरिंगा स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है इन सभी से आप समझ गए होंगे. इसके फायदे आपको आगे गिनवाते हैं.
सहजन के फायदे – MORINGA BENEFITS IN HINDI
1. सहजन की पत्ती है अम्रित
इसकी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं. इसकी फली में विटामिन C और सहजन की पत्ती में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. सहजन में एंटीओक्सिडेंट, बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड होते हैं.
2. सहजन की सूखी पत्तियों के फायदे
सहजन की सूखी पत्तियों के 100 ग्राम पाउडर में दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और पालक से 25 गुना अधिक आयरन होता है. इसमें गाजर से 10 गुना अधिक बीटा-कैरोटीन होता है, जोकि आँखों, स्किन और रोगप्रतिरोधक तंत्र के लिए बहुत लाभदायक है. सहजन में केले से 3 गुना अधिक पोटैशियम और संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन C होता है.
3 . डिप्रेशन को रखें दूर
मोरिंगा पाउडर या सहजन डिप्रेशन और चिंता को दूर करने में भी मददगार होता है। इसे अपनी डाइट में शामिल करें और कुछ दिनों में ही आपको इसका असर दिखने लग जाएगा।
4. . स्किन के लिए भी है फायदेमंद
मोरिंगा पाउडर का फेस पैक चेहरे पर लगाने से मुहांसे, दाग-धब्बे और पिंपल्स जैसी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके अलावा इससे त्वचा को भरपूर पोषण भी मिलता है, जिससे चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है।
5. सर्दी खांसी को भी रखें दूर
इस मौसम में सर्दी-खांसी, जुकाम, वायरल इंफैक्शन जैसी समस्याएं आम देखने को मिलती है। मगर इस पाउडर का सेवन इन प्रॉब्लम को भी दूर करता है।
6. कैंसर से बचाव
इसमें एंटीऑक्सीडेंट, Kaempferol, Quercetin, Rhamnetin और पॉलीफेनॉल नामक तत्व होता है, जोकि शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। अगर आप भी कैंसर से बचे रहना चाहते हैं तो रोजाना इसका सेवन करें।
7. दूध पिलाने वाली माताओं के लिए सहजन बहुत बढ़िया है
सहजन की पत्ती को घी में गर्म करके प्रसूता स्त्री को दिए जाने का पुराना रिवाज है. इससे दूध की कमी नहीं होती और जन्म के बाद की कमजोरियों जैसे थकान आदि का भी निवारण होता है. बच्चे का स्वास्थ्य सही रहता है और वजन भी बढ़ता है. सहजन में पाए जाने वाला पर्याप्त कैल्शियम किसी कैल्शियम सप्लीमेंट से कई गुना अच्छा है.
8. सहजन के गुण स्पर्म बढ़ाने में सहायक
विटामिन के अलावा जिंक, कैल्शियम और आयरन जैसे मिनरल सहजन (drumstick) में पाये जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। पुरुषों में स्पर्म बनने में जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और कैल्शियम खून की कमी नहीं होने देता है। सहजन की छाल में पाये जाने वाले यौगिक पतले सीमेन (semen) की समस्या को खत्म कर स्पर्म की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं।
9. सहजन के फूलों की चाय
सहजन के फूलों की चाय (Moringa flower tea) न्यूट्रीशनल गुणों से भरपूर होती है. यह चाय यूरिन इन्फेक्शन, सर्दी-जुकाम ठीक करती है. सहजन के फूल सलाद के रूप में भी खाए जाते हैं. सहजन के इतने फायदे हैं कि गिनती कम पड़ जाये. सहजन अनिद्रा, अस्थमा, हाइपरटेंशन, Rheumatoid आर्थराइटिस, एनीमिया, आंत का अल्सर भी ठीक करता है और घाव जल्दी भरता है. दिमागी स्वास्थ्य के लिए सहजन लाजवाब है. सहजन डिप्रेशन, बेचैनी, थकान, भूलने की बीमारी ठीक करता है.
10. सेक्स के आनंद के लिए सहजन है फायदेमंद
यौन रोगों को दूर कर यौन शक्ति बढ़ाने (sexual power), उत्तेजना पैदा करने और जननांगों की बीमारियों को दूर करने में सहजन का उपयोग बहुत लोकप्रिय है। अच्छा यौन सुख प्राप्त करने के लिए सहजन के फलों का उपयोग किया जाता है।
नोट : गर्भवती स्त्रियों को सहजन की छाल और जड़ से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
सहजन स्वास्थ्य लाभ के अतिरिक्त पानी साफ़ करने में भी कारगर है, जिसका सदियों से प्रयोग होता रहा है. इसके बीजो को कूटकर पानी में मिलाने से हानिकारक शैवाल और प्रदूषक तत्व अलग हो जाते हैं. सहजन जानवरों के लिए एक बढ़िया चारा भी है. दूध देने वाले जानवर अधिक दूध देते हैं और मांस के लिए पाए जाने वाले मवेशी खूब स्वस्थ रहते हैं.