मेनोपॉज़, महिलाओं के मासिक धर्म का चक्र खत्म होने का संकेत होता है। इस समय में महिलाओं में प्रजनन अंगों को नियमित करने वाले हार्मोंस का उत्पादन बंद हो जाता है। अधिकतर स्थितियों में, महिलाओं को 47 या 48 के आगे मीनोपॉज सिम्पटम्स शरीर में महसूस होने लगतें हैं| इस समय को perimenopause कहते हैं यदि आपको 12 महीने से periods न हुए हो तो हो सकता है आप मीनोपॉज के प्रॉब्लम से गुज़र रहें हैं| ज़्यादातर महिलाओं को स्वाभाविक रूप से menopause age 45-55 के आस-पास होता है|
एक उम्र के बाद, ovaries में ovulation, यानि की अंडे का उत्पादन, बंद हो जाता है| इस कारण से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होती है और कई लक्षण (menopause symptoms) महसूस होते हैं जैसे की –
- अनियमित ढंग से periods का होना
- अचानक से तेज गर्मी लगना (hot flushes)
- नींद में समस्या आना
- वज़न का बढ़ना
- बालों का झड़ना
- योनि का सूखापन (vaginal dryness)
- मनो-दशा में बदलाव (mood swings)
- त्वचा में परिवर्तन जैसे रूखी त्वचा
हालाँकि मीनोपॉज का diagnosis माहवारी के 12 महीनें न होने पर ही किया जाता है, लेकिन आप ultrasound और ब्लड टेस्ट करवा कर भी मीनोपॉज प्रमाणित कर सकतें हैं|
मेनोपॉज के लक्षण
मेनोपॉज के कई लक्षण हैं जैसे, नींद न आना, रात को बेचैनी और पसीना आना, शरीर के अलग अलग भागों में दर्द रहना, चिड़चिड़ापन और मन उदास रहना, चिंता, थकान, सेक्स में रुचि न लेना, योनि में सूखापन और बालों का झड़ना आदि। अगर आप भी यह सब परिवर्तन महसूस करने लगी हैं तो अपने डॉक्टर से जरुर मिलें।
मेनोपॉज के दौरान अंडे का उत्पादन होना बंद हो जाता है और इस वजह से भी कई मानसिक और शारीरिक समस्या हो जाती है। मेनोपॉज सही समय 40 या उसके बाद होता है और यदि इस उम्र के पहले महिलाओं को मेनोपॉज आ जाता है तो यह काफी असहज हो सकता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं को जिस समस्या का सामना करना होता है वो है अचानक से वजन बढ़ना। अनियमित रूप से बढ़ने वाले वजन की वजह से कई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इस दौरान बढ़ते वजन को रोकने के कई उपाय होते हैं।